8. विधाता

 

बाघ का बडा उपद्रव था। मनुष्य परेशान हो गया। गाय, बछड़े, अन्त में मनुष्य तक बाघ का शिकार बनने लगे। तब सबने लाठी, भाला, बर्छा, बन्दूक निकालकर बाघ को मारा। एक बाघ गया, लेकिन एक और आ गया। अन्त में मनुष्य ने विधाता के निकट आवेदन किया-

            ‘‘भगवान, बाघ के पंजों से हमें बचाओ।’’

            विधाता बोले ‘‘अच्छा।’’

            कुछ ही देर में बाघों ने आकर विधाता के दरबार में नालिश किया, ‘‘हम मनुष्यों से परेशान हो गये हैं। वन से वनान्तर तक हम लोग पलायन करते फिर रहे हैं। लेकिन शिकारी हमें शान्ति से रहने नहीं दे रहे हैं। इसकी कुछ व्यवस्था कीजिये।’’

            विधाता बोले, ‘‘अच्छा।’’