12. युगान्तर
घर के अन्दर आकर पोद्दार महाशय ने देखा कि उनकी गृहिणी एक सुन्दरी की वेणी बाँध रही है। बहू!
पोद्दार को देखकर पोद्दार-गृहिणी कपड़े सम्भालते हुए जल्दी से खड़ी हो गईं। बहू ने भागकर कमरे के अन्दर आश्रय लिया।
गृहिणी ने प्रश्न किया, ‘‘अचानक बिना चिट्ठी-पत्री दिये पहुँच गये? चलिये आप आये तो जान बची। अच्छे तो थे?’’
पोद्दार महाशय ने इन प्रश्नों का जवाब न देकर थोड़ी दूरी पर टँगे झूले को दिखाकर पूछा, ‘‘वह क्या है?’’
‘‘ओ माँ, छहकौड़ी का खोका जो आया है! अमलकुमार- ’’
‘‘क्या?’’
‘‘अमलकुमार। बहुमाँ ने बच्चे का नाम अमलकुमार रखा है।’’
पोद्दार स्तम्भित!