18. पत्थर का टुकड़ा (प्रस्तर-समस्या) 

 

 

    मेरे डेरे पर ठहरे सज्जन ने सन्देह किया था, किन्तु बाद में उन्होंने प्रमाणित किया कि वह पत्थर मामूली पत्थर नहीं है- बहुत ही कीमती एक टुकड़ा हीरा है। दाम पचास हजार2 से क्या कम होगा!

            शान्तिभंग की आशंका को देखते हुए हुए सन्थाल-परगना के उक्त पर्वतीय स्थान का नाम मैं गुप्त ही रखता हूँ। गल्प लेखक को इतना तो अधिकार प्राप्त है- आशा करता हूँ।